12वीं के बाद छात्रों के लिए कई अच्छे अच्छे विकल्प खुल जाते हैं जिन्हें करने के बाद छात्र को एक सुनहरा भविष्य मिलता हैं। ऐसे में बारहवीं पास करने वाले छात्रों के मन में उत्पन्न होने वाला सबसे कठिन सवाल यहीं होता है के आगे क्या करें जिससे उनका भविष्य बेहतर हो? ऐसी हीं सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे। इस लेख में हम यह भी बतायेंगे के साइंस (PCM/ PCB)/ कॉमर्स/ आर्ट्स में कौन सा स्ट्रीम सबसे अधिक लाभदायक हैं-
सफल भविष्य के लिए 12वीं के बाद सही करियर पथ का चुनाव जितना जरूरी है उतना हीं जरूरी छात्र के लिए यह जानना के उसका इंट्रेस्ट किस चीज में है और वह क्या करना चाहता है? ना कि उसके पड़ोस के बुआ के बच्चे क्या पढ़ाई कर रहे को देखकर। क्योंकि स्कूल पूरा करने के बाद सही वैज्ञानिक पथ अंकित करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो किसी के भविष्य की नींव रखता है।
कई विकल्प उपलब्ध होने के कारण छात्रों में कंफ्यूजन की समस्या बढ़ जाती हैं कि कौन सा रास्ता चुना जाए। एसे में बहुत से युवा रास्ता भटक जाते हैं। वे यह अंदाजा नहीं लगा पाते की किस फील्ड की पढ़ाई उन्हें आगे करियर बनाने में मदद करेगी। दरअसल, फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ से बारहवीं पास करने के बाद यह स्ट्रीम भविष्य के लिए कई बेहतरीन स्कोप खोलती है।
कौन से वे विकल्प हैं जिन्हें कैंडिडेट अपना सकते हैं। इसके बारे में सही जानकारी होनी बेहद जरुरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए गहन शोध के बाद हम यह लेख लेकर आए हैं जिसमें हम सभी स्ट्रीम के छात्रों के लिए ऐसे करियर विकल्प बताएंगे जिनको करने के बाद अच्छा इंकम अर्न कर सकते हैं।
साइंस फील्ड के तीन बेहतरीन करियर ऑप्शन –
12वीं के बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ के करियर विकल्प –
- इंजिनियरिंग
- B.Sc इन मैथेमेटिकस
- डेटा साइंस
1. इंजिनियरिंग
चीजों को डिजाइन करने या बनाने के लिए जिस विज्ञान और गणित का उपयोग करते हैं उसे हीं इंजीनियरिंग कहते है। इंजीनियर आमतौर पर चीजों का डिजाइन या निर्माण करते हैं। कुछ इंजीनियर तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए भी अपने कौशल का उपयोग करते हैं।
वैसे तो हर एक इंसान अपने घर में पड़े खराब या अच्छे वस्तु पर अपनी कला का प्रदर्शन करते रहते हैं। लेकिन जो कोई भी इंसान इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका हो, जिसे कुछ नया आविष्कार करने या डिजाइन करने का ज्ञान हो और मशीनों या जटिल सिस्टम की समझ हो है उसे इंजीनियर कहा जाता है। Engineer शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों ingeniare और ingenium से मिलकर बना है।
इंजीनियरिंग कोर्स की मुख्य दो श्रेणियां हैं –
- Undergraduate
- Post Graduate
अंडर ग्रैजुएशन के अंतर्गत दो और कोर्सेस आते हैं जो इस प्रकार है-
- Diploma in Engineering
- Bachelor of Engineering (B.E.) या Bachelor of Technology (B.Tech.)
Diploma in Engineering 10th के बाद किया जा सकता है जिसका कोर्स अवधि 3 साल का होता है। कोर्स कम्प्लिट होने के बाद अगर छाञा B.Tech. करना चाहे तो वह डाइरेक्ट 2nd इयर में एडमिशन ले सकते हैं।
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इंजीनियरिंग के प्रकार
सिर्फ इंजीनियरिंग करूंगा या करुंगी कह देना भर हीं काफी नहीं है, क्योंकि इंजीनियरिंग का क्षेत्र बहुत विशालकाय है, आप अलग-अलग विषयों और अलग-अलग क्षेत्रों में इंजीनियरिंग कर सकते हैं। इंजीनियरिंग के बहुत से ऐसे कोर्सस है जिनकी जानकारी लोगों को नहीं होती है, जैसे कि हो सकता है कुछ लोगों को पता ना हो पर इंजीनियरिंग के कुछ ऐसे कोर्स भी है, जहां बायोलॉजी से भी इंजीनियरिंग की जा सकती है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, बायोमिमेटिक्स, बायोलॉजिकल सिस्टम इंजीनियरिंग, बायोप्रोसेस इंजीनियरिंग, सेलुलर इंजीनियरिंग जैसे कोर्सस शामिल हैं।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने की सोचने वालों के लिए जरूरी है कि उन्हें जानकारी हो इंजीनियरिंग के अंतर्गत आने वाले सभी कोर्सेज कौन कौन सी है, ताकि वह सही फैसला ले सकें और अपने पसंद के मुताबिक कोर्स का चयन कर सकें।
केमिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, सोलर इंजीनियरिंग, विंड एनर्जी इंजीनियरिंग, नैनो टेक्नोलॉजी, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, मरीन इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग आदि जैसे ये कुछ इंजीनियरिंग के कोर्सेस हैं।
इंजीनियरिंग के कुल 20 ब्रांचेज है जिसमें छाञ अपने इंटरेस्ट के हिसाब से एडमिशन ले सकता है।
इंजीनियरिंग का कौन सा स्ट्रीम है सबसे लोकप्रिय?
वैसे तो सभी स्ट्रीम अपने आप में एक अहम स्थान रखता है लेकिन इंजीनियरिंग के कुछ कोर्सेस ऐसे भी है जो लोकप्रिय होने के साथ साथ कठिन भी है एडमिशन पाना। जैसे;
- कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग
- रोबोटिक इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- सोलर इंजीनियरिंग
- विंड एनर्जी इंजीनियरिंग
- नैनो टेक्नोलॉजी
- एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
- मरीन इंजीनियरिंग।
इंजीनियरिंग के बाद पैकेज एंड स्कोप
इंजीनियरिंग के बाद आसानी से औसत सैलरी 2.5 लाख से 5 लाख तक की मिल जाती है। लेकिन वहीं अगर आप किसी प्रतिष्ठित कॉलेज से इंजीनियरिंग करते हैं तो आपको अपने पहले जॉब में हीं करोड़ों का पैकेज मिल सकता है।
एग्जाम्पल के लिए अगर पिछले साल के दिसम्बर में हुए आईआईटी प्लेसमेंट में IIT Delhi का प्लेसमेंट रिकॉर्ड देखें तो इस प्लेसमेंट के पहले दिन 1200 छात्रों को जॉब ऑफर मिले, इसमें एक छात्र को मल्टीनेशनल कंपनी ने 3.5 करोड़ सालाना का पैकेज ऑफर किया। वहीं 50 छात्रों को एक करोड़ या उससे ज्यादा का जॉब ऑफर मिला।
प्लेसमेंट पैकेज में एक अहम योगदान आपके स्ट्रीम और योग्यता का भी होता है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इंजीनियर, बिग डेटा इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर जैसे कोर्स में 5 से 10 लाख तक का औसत सैलरी पैकेज मिल जाता है।
2. B.Sc इन मैथेमेटिक्स
B.Sc मैथ्स एक अंडरग्रेजुएट एजुकेशनल डिग्री है जो गणित या संबंधित विषयों में पढ़ाई के एक प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रदान की जाती है, जैसे कि एप्लाइड मैथ्स, डेटा एनालिसिस, एक्चुरियल साइंस, फाइनेंशियल मैथ्स, मैथमेटिकल फिजिक्स, कम्प्यूटेशनल साइंस, प्यूर मैथ्स, ऑपरेशन्स रिसर्च या स्टेटिस्टिक्स आदि।
कहां से करें?
- म्रिंडा हाउस- दिल्ली NIRF स्कोर 75.42
- लेडी श्री रीम कॉलेज- दिल्ली NIRF स्कोर 69.44
- लोयला कॉलेज- चेन्नई NIRF स्कोर 69.28
- संत जेवियर कॉलेज- कोलकाता NIRF स्कोर 67.41
- रामकृष्ण मिशन विद्यामंदिर- हावड़ा NIRF स्कोर 67.26
ये भारत के कुछ टॉप B.Sc इन मैथेमेटिक्स के कॉलेज हैं जिन्हें 2021 के NIRF में उच्च स्थान मिला है। इन कॉलेज में एडमिशन के लिए आपको CUET अच्छा स्कोर करना होगा।
करियर विक्लप
12वीं के बाद B.Sc इन मैथेमेटिक्स एक काफी आकर्षक स्ट्रीम है जिसको करने के बाद आप बतौर मैथेमेटिशियन अपना नाम बना सकते हैं।मैथमेटिशियन का जॉब उनके लिए है जो मैथ्य में पूरी तरह से माहिर हैं। इसमें मैथ्स के बुनियादी क्षेत्र का अध्ययन और रिसर्च संबंधी कार्य करना पड़ता है। साथ ही ये लॉजिक, ट्रांसफार्मेशन, नंबर आदि समस्याओं का निर्धारण भी करते हैं। एक तरह से ये मैथ्य के कोर पर काम करते हैं, इसलिए गणित का अच्छा ज्ञान बहुत जरूरी है।
गणित में बीएससी के बाद करियर बनाने के लिए गणित में मास्टर्स या पीएचडी सबसे ज्यादा चुने गए रास्तों में से एक है। इतना हीं नहीं आप कंप्यूटर विज्ञान, डेटा एनालिटिक्स, अर्थशास्त्र, वित्त और सांख्यिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। यदि मुख्य तकनीकी क्षेत्र नहीं है, तो आप एमबीए जैसे विशिष्ट और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विकल्प भी चुन सकते हैं। जिसके बाद आपको फ्यूचर में काफी एक्सपोजर मिलेगा।
3. डेटा साइंस
डेटा साइंस आंकड़ों का विश्लेषण करके उनसे जानकारी निकालने का विज्ञान है। यह कंप्यूटर विज्ञान का हीं एक भाग है। जैसा के डेटा साइंस नाम है उससे यह पता चलता है के डेटा यानि आंकड़ा की बात हो रही है।आंकड़ा विज्ञान गणित, सांख्यिकी, सूचना सिद्धान्त, सूचना प्रौद्योगिकी आदि अनेकों क्षेत्रों के सिद्धान्तों तथा तकनीकों का प्रयोग करता है। वे विधियाँ जो विशाल आँकड़ों के लिये भी काम करती हैं वे आँकड़ा विज्ञान के क्षेत्र में विशेष महत्त्व रखतीं हैं।
कृत्रिम बुद्धि यानि आर्टिफिशियल ईंटेलीजेंस की मशीन लर्निंग नामक शाखा के विकास से इस क्षेत्र के विकास को नयी गति और महत्त्व मिला है। डाटा के प्रभाव का विश्लेषण करने वाले को डाटा साइंटिस्ट कहा जाता है। यह सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हीं एक नया फील्ड है जिस वजह से इसमें विशेषज्ञों की काफी डिमांड है। अगर आप आईटी सेक्टर में जाने का प्रयास कर रहे हैं तो ये फील्ड आपको भविष्य में अच्छे मौके दे सकती है।
पारंपरिक रूप से पहले जो जानकारियां थी, वह ज्यादातर संरचित और कम आकार की थी, जिसका विश्लेषण सीधा व्यवसायिक बुद्धिमत्ता उपकरण का उपयोग करके भी आसानी से किया जा सकता है। पारंपरिक प्रणालियों के डेटा के विपरीत, जो ज्यादातर स्वरूपित था, आज ज्यादातर जानकारी असंरचित या अर्ध-संरचित है। जिसके कारण एक डाटा साइंटिस्ट की काफी मांग बढ़ गई है।
कोर्स की जानकारी
बीएससी डेटा साइंस 3 साल का फुलटाइम अंडरग्रेजुएट कोर्स होता है जो कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिजनेस एनालिटिक्स के डोमेन के अंतर्गत आता है। जिसमें वास्तविक दुनिया डेटा के एक सेट के संबंध में समस्या या घटना को समझने के लिए सांख्यिकी, बिग डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और संबंधित पहलुओं का उपयोग शामिल है। बीएससी डेटा सांइस कोर्स को 6 महीने की अवधि के 6 सेमेस्टर में बांटा गया है।
आज के समय में डाटा साइंस की वजह से हमारे पास काफी एडवांस मशीने है जिससे पहले की तुलना में बहुत आसानी से काम किया जा सकता है। भविष्य में भी डाटा साइंस का बहुत-बहुत ज्याद उपयोग है। इसलिए आप अपना करियर डाटा साइंस बना सकते है। आप डाटा साइंस की अच्छी पढ़ाई करके एक data scientist बन सकते है जिसकी सैलरी भी काफी शानदार होती है।
करियर ऑप्शन इन डेटा साइंस
करियर विकल्प के रूप में डेटा साइंस कई फायदे प्रदान करता है। सबसे पहले, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी सहित सभी उद्योगों में इसकी उच्च मांग है। इसमें डेटा वैज्ञानिक अपने विशिष्ट कौशल के कारण प्रतिस्पर्धी वेतन और लाभ का आनंद लेते हैं। अगर आप मैथ में 12वीं के बाद एक अच्छा करियर चाहते हैं तो डेटा साइंस भी आपके लिए एक काफी अच्छा विक्लप हो सकता है।
12वीं के बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के करियर विकल्प –
12वीं के बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के पाठ्यक्रमों में से चिकित्सा यानि MBBS सबसे लोकप्रिय विक्लप है जो PCB वाले छात्रों पहला पसंद होता है। चिकित्सा उद्योग में प्रवेश करने के लिए, हर साल लाखों उम्मीदवार NEET परीक्षा देते हैं जिसमें कुछ चुनिंदा लोग ही सफल हो पाते हैं। 12वीं साइंस बायोलॉजी पास छात्रों के लिए MBBS के अलावा भी कई करियर विकल्प हैं जिसमें NEET परीक्षा दिए बिना चिकित्सा उद्योग में प्रवेश कर सकते हैं।
जीव विज्ञान के छात्रों के लिए अनुसंधान, शिक्षण, बिक्री और फील्डवर्क नौकरी के कई विकल्प उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य, अनुसंधान, फार्मास्युटिकल और बायोटेक उद्योगों में रोजगार के लिए जीव विज्ञान के छात्रों के पास एक ठोस आधार होगा।
स्नातक की डिग्री कई करियर की दिशा में पहला कदम है; उदाहरणों में समुद्र विज्ञानी, पारिस्थितिकीविज्ञानी और समुद्री जीवविज्ञानी शामिल हैं। अगला कदम अक्सर मास्टर डिग्री है। क्योंकि जीव विज्ञान अनुसंधान से प्रेरित है और छात्रों को उनके विशिष्ट हितों की खोज करने की स्वतंत्रता देता है, यह उस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक शानदार अनुभव प्रदान करता है।
- MBBS
- B.Sc इन माइक्रोबायोलॉजी
- B.Tech इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
1. MBBS
MBBS यानि Bachelor of Medicine and a Bachelor of Surgery एक बैचलर डिग्री है । यह कोर्स पूरे चार साल छः महीने का होता है जिसे पूरा करने के बाद आपको एक वर्ष का इंटर्नशिप करवाया जाता है।
इस कोर्स को पूरा करने मे आपको पूरे पाँच वर्ष छः महीने का समय लगता है। इसमें पूरे 9 समेस्टर होते है जो हर छः महीने में बटा होता है। फिर एक साल का इंटर्नशिप पूरा करने के बाद आप Medical Council Of India में अपना नाम एक डॉक्टर के तर्ज पर पंजीकृत करा सकते है। जिसके बाद आप एक डॉक्टर कहलाते है और आपके नाम के आगे डॉक्टर लग जाता है वही इस कोर्स को आप भारत सहित दुनिया के किसी भी देश से पूरा कर सकते है।
MBBS के बाद वेतन
यदि आप एमबीबीएस कोर्स पूरा कर लेते है तो आपको कही भी एक बहुत ही बड़िया वेतन दिया जाता यदि आप किसी सरकारी अस्पताल मे जॉब करते है तो इसमें आपकी वेतन पचास हजार से लेकर एक लाख तक हो सकती है। वही किसी किसी बड़े सरकारी अस्पताल मे एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी एक लाख महीने से भी अधिक होता है यह निर्भर करना है आप किस लेवल के अस्पताल मे जॉब कर रहे है। वही यदि आप फ्रेशर के तौर पर कही जॉब कर रहे हो तो आपको सैलरी तीस हजार से लेकर साथ हजार महीने के बीच होती है और अनुभव होने के बाद आपके वेतन मे उछाल आता है।
भारत में मेडिकल के लिए बेस्ट कॉलेज-
- कृशचन मेडिकल कॉलेज – वेल्लौर
- ऑल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस – नई दिल्ली
- जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च – पांडिचेरी
- किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी – लखनऊ
- ऑल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस – जोधपूर
2. B.Sc इन माइक्रोबायोलॉजी
माइक्रोबायोलॉजी क्या है
माइक्रोबायोलॉजी उन रोगाणुओं का अध्ययन है जो मनुष्यों को संक्रमित करते हैं, उनके कारण होने वाली बीमारी, उनका निदान, रोकथाम, उपचार और माइक्रोबियल और अन्य एंटीजन के प्रति मानव मेजबान की प्रतिक्रिया हैं। कोविड महामारी के बाद माइक्रोबायोलॉजिस्ट की मांग में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे मास्टर्स की भी काफी मांग है जो विभिन्न रोगाणुओं पर गहराई से शोध कर सकते हैं।
कौन-कौन से हैं कोर्स और क्या होता है काम?
आप बायोकेमिस्ट्री, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स, क्लीनिकल रिसर्च, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, मास्टर्स इन फॉरेंसिक साइंस में ग्रेजुएशन और मास्टर्स कर सकते हैं। स्टूडेंट्स यह ध्यान जरुर रखें कि वे फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी में 12वीं पास हो अगर बात करें उसके काम कि तो बता दें कि बायोलॉजी की एक ब्रांच माइक्रोबायोलॉजी है, जिसमें प्रोटोजोआ, ऐल्गी, बैक्टीरिया, वायरस जैसे सूक्ष्म जीवाणुओं (माइक्रो ऑर्गेनिज्म) पर अध्ययन और रिसर्च होता है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट बीमारियों की वजह जानने में मदद करता है।
करियर
माइक्रोबायोलॉजी में जॉब्स की भरमार है. इस सेक्टर में आप माइक्रोबायोलॉजिस्ट के तौर पर लेबोरेटरी, क्लिनिक, हॉस्पिटल, फार्मास्यूटिकल कंपनी, डेयरी प्रोडक्ट्स, बीयर मेकिंग कंपनी, टीचिंग, लैब रिसर्चर, जेनेटिक इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट मेकिंग जैसी जॉब्स कर सकते हैं। इस सेक्टर में प्राइवेट और सरकारी दोनों में ही जॉब्स उपलब्ध है।
3. B.Tech इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है?
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विशेषज्ञ इंजीनियरिंग व लाइफ साइंस के सिद्धांतों को प्रयोग में लाते हैं और मानव व पशुओं के जीवन पर शोध के जरिए कार्य करते हैं। इसके कार्यक्षेत्र को समझा जाए तो यह अपने अंदर कई क्षेत्रों को समाहित किए हुए है। इसके प्रमुख केंद्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, केमिकल, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, मेटैलिक और कम्प्यूटर की आधारभूत जानकारी देते हैं।
इसके अलावा बीमारियों का पता लगाने और उनके उपचार के लिए बायो इंस्ट्रमेंटल व वायरलेस तकनीक का सहारा लिया जाता है। इसमें प्रमुख प्रक्रियाओं जैसे आंखों के ऑपरेशन के दौरान कम्प्यूटर का इस्तेमाल, अल्ट्रासाउंड, मैग्नेटिक रेजोनेंस, एक्स रे, कृत्रिम अंगों का निर्माण, शारीरिक क्रियाओं को काबू में करने के लिए प्रयुक्त उपकरण और इंसुलिन इंजेक्शन भी तैयार किए जाते हैं।
करियर इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
आज के समय में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावना काफी ज्यादा है। इसका एक कारण यह भी है जनसंख्या मेंं बढ़ोतरी होना। जाहिर है लोग बढ़ेंगे तो बीमारों की संख्या भी बढ़ेंगी और ऐसे में इक्विपमेंट की मांग में वृद्धि भी लाजमी है।
BME के छात्रों को मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों में प्रारंभ में 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह आराम से मिल जाता हैं, नहीं रिसर्च एवं प्रशिक्षण संस्थान इन्हें 30-40 हजार रुपए प्रतिमाह देते हैं। प्राइवेट अस्पताल एवं क्लिनिक बायोमेडिकल इंजीनियर को 25-35 हजार प्रतिमाह व सरकारी एजेंसियां 20-22 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करतें हैं।
कॉमर्स फील्ड के तीन बेहतरीन करियर ऑप्शन –
- चार्टेड अकाउंटेंसी
- बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
- बैचलर ऑफ़ कॉमर्स
1. चार्टेड अकाउंटेंसी
चार्टर्ड अकाउंटेंट यानि सीए एक वित्तीय पेशेवर होते हैं। जो वित्तीय गाइड से लेकर वित्तीय सलाह, बिजनेस अकाउंटिंग, बैंक ऑडिट, टेक्स प्लानिंग जैसे काम करते हैं। यह एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें शोहरत के साथ साथ अच्छी कमाई भी है। चार्टर्ड अकाउंटेंट में रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है। लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना भी इतना आसानी नहीं होता है। इसके लिए कई तरह की कठिन परीक्षाओं जैसे 12वी के बाद सीपीटी परीक्षा को पास करना होगा, CPT परीक्षा को पास करने के बाद आप IPCC परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, हालांकि कई बार छात्र सीपीटी की परीक्षा देने से चूक जाते हैं, लेकिन आप अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ये सभी परिक्षा पास करने के बाद छात्र एडमिशन पा सकता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्य
एक सीए बजट मैनेज करने के साथ साथ ऑडिटिंग, टैक्सेशन, बिजनेस स्ट्रेटजी बनाते हैं और फाइनेंशियल रिकॉर्ड के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। आप एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बन कर मल्टीनेशनल कंपनियों में भी नौकरी कर सकते हैं। फाइनेंशियल सेक्टर में रोजगार की कमी नहीं है। चार्टर्ड अकाउंटेंट बन आकर्षक वेतन प्राप्त कर सकते हैं। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की एवरेज सैलरी 2 LPA से 15 LPA होती है।
2. बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
बैचलर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन जिसे हिंदी में अर्थ “व्यावसायिक प्रबंधन में ग्रेजुएशन” होता है। बीबीए एक प्रोफेशनल कोर्स है जिसे आप बारहवीं के बाद कर सकते हैं वो भी बिलकुल किफायती फिस में। यह आपको एक प्रोफेशनल कोर्स में अंडर ग्रैजूएशन की डीग्री देता है। जिसका कोर्स अवधि 3 साल का होता है। इसे करने के बाद आप ना सिर्फ बिजनेस सेक्टर बल्कि ट्रेजरी, बैंकिंग, एफएमसीजी, मैनेजमेंट, अकैडमी इंस्टीट्यूट, बजट प्लानिंग, वकालत, फॉरेन ट्रेड, एडवरटाइजिंग कंपनियां और होटल मैनेजमेंट में भी नौकरी कर अपना नाम बना सकते हैं।
कहां से करें BBA?
दुनियाभर में इतने कॉलेज बन गए हैं कि बेस्ट को चुनना मुश्किल होता जा रहा है। ज्यादा ऑप्शंस स्टूडेंट्स को विकल्प की सलाहियत के साथ साथ कंफ्यूजन की स्थिति देता हैं। ऐसे में आप चाहें तो Latest NIRF Ranking चेक करके बेस्ट कॉलेज में अप्लाई कर सकते हैं।
वैसे तो बीबीए के लिए कॉलेजों की सूची छोटी नहीं है लेकिन कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जिन्हें NIRF रैंकिंग 2023 की लिस्ट में सबसे ऊंचा दर्जा प्राप्त हुआ है-
- Indian Institute of Management Ahmedabad
- Indian Institute of Management Bangalore
- Indian Institute of Management Kozhikode
- Indian Institute of Management Calcutta
- Indian Institute of Technology Delhi
बीबीए के बाद करियर स्कोप?
बीबीए करने के बाद आपके लिए नौकरी के कई अनसर खुल जाते हैं। कॉर्पोरेट सेक्टर में मैनेजमेंट प्रोफेशनल को काफी अच्छा वेतन मिलता है। बीबीए कोर्स पूरा करने के बाद छात्र एंटरटेनमेंट, फाइनेंस, ऑनलाइन मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग, एडवरटाइजिंग, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इंश्योरेंस, मीडिया, एविएशन, बैंकिंग, कंसल्टेंसी जैसे क्षेञ में अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा आप एमबीए यानि मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन भी कर सकते है। इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद न केवल आपको एक सम्मानजनक मैनेजमेंट पोजीशन के साथ आकर्षक वेतन मिलता है बल्कि आप अपने बॉस खुद बन सकते हैं। बीबीए एक एसा कोर्स है जिसे ना सिर्फ कॉमर्स बल्कि सभी स्ट्रीम के छात्र कर सकते हैं।
3. बैचलर ऑफ़ कॉमर्स
बैचलर ऑफ कॉमर्स एक अंडर ग्रैजुएट डिग्री है जिसका कोर्स अवधि 3 Years का होता है जो 6 सेमेस्टर में बटा हुआ होता है। भारत में बी कॉम कोर्स की लोकप्रियता काफी अधिक है क्योंकि, इसमें करियर के बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है। वैसे कॉमर्स के छात्र ही इस क्षेत्र में जाना पसंद करते है। लेकिन इच्छा के अनुसार कोई भी Accounting और Finance में अपना करियर बना सकता है।
बैचलर ऑफ कॉमर्स के पाठ्यक्रम में फाइनेंशियल अकाउंटिंग, बिजनेस लॉ, इकोनॉमिक्स, टैक्सेशन, ऑडिटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग आदि जैसे कोर्सेस शामिल होते हैं जिसके करण छात्रों के लिए अंडर ग्रैजुएशन के बाद आगे की पढ़ाई से लेकर जॉब तक के ढेरों विकल्प खुल जातें हैं। छात्र चाहे तो स्पेशालिटी के लिए आगे पढ़ाई जारी रख सकते हैं या जॉब भी कर सकता है। बी कॉम के बाद मिलने वाली एवरेज सैलरी तकरीबन 15000 से 30000 तक की होती है।
आर्टस फील्ड के तीन बेहतरीन करियर ऑप्शन –
आर्टस एक ऐसा फिल्ड है जिसमें छात्रों के पास अंगिनत विकल्प मौजुद है। जैसे इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र, मनोविज्ञान और हिंदी। सभी एक से बढ़कर एक हैं। छात्र चाहे तो किसी भी एक सब्जेक्ट का चयन कर के उसमें PHD कर महारथ हासिल कर सकता है। अधिकतर आर्टस के छात्र ग्रैजुएशन के बाद IAS को अपने करियर विकल्प के रूप में चुनते है। इसके अलावा छात्र ग्रैजुएशन के तुरंत बाद जॉब के लिए प्रोफेशनल कोर्सेस भी कर सकते हैं।
यहां आर्टस के छात्रों के लिए 3 बेहतरीन विकल्प दिए गए हैं_
- BA LLB
- बैचलर ऑफ आर्टस
- बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन (BMC)
1. BA LLB
12 वीं के आप 3 साल की एलएलबी या 5 साल की अवधि वाला इंटीग्रेड एलएलबी कर सकते हैं। यह अंडरग्रेजुएट लॉ प्रोग्राम है जिसकी फुल फॉर्म बैचलर ऑफ़ लेजिस्लेटिव लॉ होती है। LL लैटिन भाषा से लिया हुआ शब्द है जिसका फुल फॉर्म “लेगम बेकालयुरेस” होता है। जिसकी पढ़ाई स्नातक और बारहवीं के बाद की जा सकती है।
यह कानून नियमों और विनियमों का एक समूह है जिसमें छात्रों को कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। LLB करने के बाद छात्र कानूनी क्षेत्रों से जुड़ जाते हैं। जो छात्र इस कोर्स को पूरा कर लेते हैं वह बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया (BCI) में स्वयं को पंजीकृत कर कानून का अभ्यास कर सकते हैं।
Highlights
- यह 3 साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स होता है जिसे 6 सेमेस्टर में बांटा गया है।
- किसी भी स्नातक डिग्री के बाद एलएलबी कोर्स किया जा सकता है।
- स्नातक में न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
- LLB हारहवीं के बाद भी किया जा सकता है जिसका कोर्स अवधी 5 साल का होता है जिसमें 10 सेमेस्टर होते हैं ।
- एल.एल.बी किसी भी सब्जेक्ट जैसे पीसीएम, पीसीबी, आर्ट्स या कॉमर्स के बाद किया जा सकता है परंतु यदि छात्र ने प्रारंभ से हीं लॉ करने का सोच रखा है तो उसे आर्ट्स लेना चाहिए।
बीए एलएलबी के बाद करियर
एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद, व्यक्ति कई तरह की भूमिकाओं जैसे कॉर्पोरेट वकील, जज, कानूनी सलाहकार, कानूनी प्रबंधक- के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा लॉ में मास्टर डिग्री यानि एलएलएम भी कर सकते हैं।
हालाँकि, कौन कितनी सफलता अर्जित करता है, यह उनके खुद के स्किल्स के स्तर, चुने गए पेशे और अनुभव जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
2. बैचलर ऑफ आर्टस
बैचलर ऑफ ऑर्टस 12वीं ऑर्टस से पास करने वालों के साथ साथ साइंस और कॉमर्स के छात्र भी कतना पसंद करते हैं। भारत की लगभग हर यूनिवर्सिटी यह कोर्स ऑफर करती है। इसमें छात्र हिस्ट्री, हिंदी, इंग्लिश, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी, इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल रिलेशंस आदि विषयों के साथ ऑनर्स कर सकते हैं।
इनमें बैचलर डिग्री करने के बाद आप मास्टर्स तथा PHD कर यूनिवर्सिटी प्रोफेसर भी बन सकते हैं। रिसर्च के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। या फिर ग्रेजुएशन के बाद सीधे बैकिंग, रिटेल, प्रशासनिक सेवाओं या अन्य सरकारी नौकरियों में जा सकते हैं।
3. बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन (BMC)
बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन बीए के अंदर आने वाला एक अंडर ग्रैजुएशन कोर्स है। इस कोर्स को सभी स्ट्रीम के छात्र कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि 3 साल की होती है जो 6 सेमेस्टर में बटे होते हैं। मास कम्युनिकेशन कोर्स पूरा करने के बाद आप न्यूज़ एजेंसी, न्यूज़ वेबसाइट, प्राइवेट एवं सरकारी टीवी चैनल, प्रोडक्शन हाउस, फिल्म मेकिंग और एडवर्टाइजमेंट मेकिंग जैसे कई क्षेत्रों में जॉब कर अपना नाम बना सकते हैं।
इसके अलावा अगर आपको किसी कंपनी के अंदर काम नहीं करना चाहता हैं तो खुद के ऑनलाइन ब्लॉग या न्यूज़ पोर्टल में काम स्टार्ट कर सकते हैं। 10 हजार का निवेश कर खुद का न्यूज पोर्टल या ब्लॉग स्टार्ट सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि अब आपको इस लेख में 12वीं के बाद किए जाने कोर्स और इससे संबंधित सारी जानकारी मिल गई होंगी। करियर से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे YouTube Channel “Top Career Study” को अभी subscribe करें। B.Tech या MBA में एडमिशन के लिए आप हमारे टॉप कैरियर स्टडी की टीम से 8383895094 पर कॉन्टैक्ट कर फ्री काउन्सलिंग भी ले सकते हैं। वेबसाइट की सभी सूचनाओं से अप-टू-डेट रहने के लिए आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं।