अगर आप युवा हैं और अभी – अभी आपने 12वीं साइंस से पास किया है और आगे इंजीनियरिंग करने का मन बनाया है तो आपके दिमाग में उत्पन्न होने वाला सबसे कठिन सवाल यहीं होगा के 20 से अधिक इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स में से किसे चुने जो भविष्य के लिए अधिक लाभदायक हों और जिसका आने वाले 5 सालों में बोल बाला हों? ऐसी हीं सवालों के जवाब और स्पेशलाइजेशन चुनने के मार्गदर्शन आपको इस लेख में मिलेंगे।
वैसे तो इंजीनियरिंग के सभी स्ट्रीम एक से बढ़कर एक हैं और अपने अपने क्षेत्र में अहम भुमिका निभाते हैं। लेकिन इंजीनियरिंग के कुछ ऐसे भी स्ट्रीम है जो भविष्य के लिए लाभदायक साबित तो हो हीं रहें हैं साथ हीं साथ इनमें जॉब अवसर की भी भरमार है।
नीचे टॉप 5 स्ट्रीम दिए हुए हैं जिनकी आने वाले 5 वर्षों में मांग रहने वाली है-
- कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग
- एयरोस्पेस इंजीनियर
- सिविल इंजीनियर
1. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एक प्रमुख इंजीनियरिंग स्ट्रीम है जिसने डेटा साइंस, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के क्षेत्र में तेजी और उल्लेखनीय विकास के कारण पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया है। इसके कारण कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की मांग और लोकप्रियता दर भी बढ़ रही है, जो कंप्यूटर विज्ञान और आधुनिक इंजीनियरिंग प्रेमिया के पक्ष में काम करेंगी।
अगर बात करें कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्रों के शुरुआती सैलरी की तो वह भी औसतन 5 से 10 लाख तक मिल जाती है। और जैसा कि हमने कहा आने वाले 5 सालों में इसकी और भी लोकप्रियता बढ़ने वाली है तो यह अनुमान लगाया जा सकता है की 10 से 15 और 20 लाख तक की भी औसत सैलरी मिल सकती है।
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2. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
मैकेनिकल इंजीनियरिंग उन प्रमुख इंजीनियरिंग शाखाओं में से एक है जो किसी विशेष क्षेत्र में आवश्यक कौशल रखने वाले इंजीनियरों के लिए नौकरी के व्यापक अवसर प्रदान करती है। 2030 तक इस क्षेत्र में 7% की वृद्धि होने की उम्मीद है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्ट्रीम आपको काफी अच्छा औसत पैकेज भी प्रदान करती है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स, कंस्ट्रक्शन, सिस्टम, प्रोडक्शन या डिजाइनिंग की इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं। छात्र चाहे तो B.Tech के बाद M.Tech कर PhD का विकल्प भी आप चुन सकते हैं या फिर यूनिवर्सिटी और ऑर्गेनाइजेशन में रिसर्चर बन किसी नये खाज में अपना योगदान दे सकते हैं।
इसके अलावा, इंडस्ट्री में कुछ वर्षों के अनुभव के बाद एमबीए या मास्टर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज जैसी डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं ताकि वे हायर पद के लिए एलिजिबल हो सकें।
3. बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विशेषज्ञ इंजीनियरिंग व लाइफ साइंस के सिद्धांतों को प्रयोग में लाते हैं और मानव व पशुओं के जीवन पर शोध के जरिए कार्य करते हैं। आज के समय में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावना काफी ज्यादा है। इसका एक कारण यह भी है जनसंख्या मेंं बढ़ोतरी होना। जाहिर है लोग बढ़ेंगे तो बीमारों की संख्या भी बढ़ेंगी और ऐसे में इक्विपमेंट की मांग में वृद्धि भी लाजमी है।
BME के छात्रों को मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियों में प्रारंभ में 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह आराम से मिल जाता हैं, वहीं रिसर्च एवं प्रशिक्षण संस्थान इन्हें 30-40 हजार रुपए प्रतिमाह देते हैं। प्राइवेट अस्पताल एवं क्लिनिक बायोमेडिकल इंजीनियर को 25-35 हजार प्रतिमाह व सरकारी एजेंसियां 20-22 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करतें हैं।
4. एयरोस्पेस इंजीनियर
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग का प्राथमिक क्षेत्र है जो विमान, अंतरिक्ष यान और संबंधित उपकरणों और प्रणालियों के डिजाइन, उन्नति, परीक्षण और निर्माण से संबंधित है। परंपरागत रूप से, इस क्षेत्र ने दो प्रमुख और परस्पर जुड़ी शाखाओं के साथ पृथ्वी के वायुमंडल और अंतरिक्ष उड़ान के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है- Aeronautical और Astronautical Engineering। एयरोस्पेस इंजीनियरों के लिए आने वाले समय में रोजगार के अवसर बढ़ने का अनुमान है , जो सभी व्यवसायों के औसत से तेज़ है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद करियर के कुछ प्रमुख अवसर यहां दिए गए हैं:
- Aircraft/Spacecraft Designer
- Military Aerospace Engineer
- Mechanical Engineer
- Inspector and Compliance
- Data Processing Manager
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एक फ्रेशर को वार्षिक वेतन 5 एलपीए तक मिल जाता है।
5. सिविल इंजीनियरिंग
सिविल इंजीनियरिंग का तात्पर्य भौतिक और वैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग करके निर्मित और प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले दोनों प्रकार के वातावरणों को डिजाइन करना, विकसित करना और बनाए रखना है। हवाई अड्डे, पुल, इमारतें, नहरें, बांध, पाइपलाइन, बिजली संयंत्र, रेलवे, सड़कें, सीवेज सिस्टम और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं।
श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, 2030 तक सिविल इंजीनियरिंग रोजगार के अवसरों में 8.2% की वृद्धि होने का अनुमान है । सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री या प्रोग्राम पूरा करने के बाद कैरियर के अवसर काफी हैं। यहां उनमें से कुछ का उल्लेख किया गया है
- Building control surveyor
- Contracting civil engineer
- Consulting civil engineer
- Nuclear engineer
- Design Engineer
- CAD technician
- Estimator
भारत में एक फ्रेशर सिविल इंजीनियर को औसतन वेतन 4.5 एलपीए तक मिलता है ।
इस लेख में हमने सिर्फ टॉप 5 स्ट्रीम जिनका भविष्य में सबसे ज्यादा मांग बढ़ने का अनुमान है का जिक्र किया है। इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि बाकी के ब्रांचेज में कोइ स्कोप नहीं है या वह बेकार है। सभी ब्रांच का अपना एक अस्तित्व और स्थान है जो कभी विलुप्त नहीं हो सकता।
हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख में आने वाले 5 वर्षों में कौन सी इंजीनियरिंग की मांग रहने वाली है और इससे संबंधित सारी जानकारी मिल गई होंगी। करियर से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे YouTube Channel “Top Career Study” को अभी subscribe करें। B.Tech या MBA में एडमिशन के लिए आप हमारे टॉप कैरियर स्टडी की टीम से 8383895094 पर कॉन्टैक्ट कर फ्री काउन्सलिंग भी ले सकते हैं। वेबसाइट की सभी सूचनाओं से अप-टू-डेट रहने के लिए आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं।